Top 10+ Heart Touching Mirza Ghalib Shayari in Hindi (2022)

Mirza Ghalib is the most popular poet in India. He wrote many Shayari on various topics. If you want to read Top 10+ Heart Touching Mirza Ghalib Shayari in Hindi then this post is only for you.

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Heart Touching Mirza Ghalib Shayari in Hindi

Heart Touching Mirza Ghalib Shayari in Hindi

हर एक बात पे कहते हो तुम कि ‘तू क्या है,,
तुम्हीं कहो कि ये अंदाज़-ए-गुफ़्तगू क्या है |

गर तुझ को है यक़ीन-ए-इजाबत दुआ न माँग,
यानी बग़ैर-ए-यक-दिल-ए-बे-मुद्दआ न माँग |

सबने पहना था बड़े शौक से कागज़ का लिबास,
जिस कदर लोग थे बारिश में नहाने वाले |

दुःख दे कर सवाल करते हो,
तुम भी ग़ालिब कमाल करते हो |

हासिल से हाथ धो बैठ ऐ आरज़ू-ख़िरामी,
दिल जोश-ए-गिर्या में है डूबी हुई असामी |

हर क़दम दूरी-ए-मंज़िल है नुमायाँ मुझसे,
मेरी रफ़्तार से भागे है बयाबाँ मुझसे |

ये ना थी हमारी क़िस्मत के विसाल-ए-यार होता,
अगर और जीते रहते, यही इंतजार होता |

इश्क़ मुझको नहीं, वहशत ही सही,
मेरी वहशत तेरी शोहरत ही सही |

आ कि मेरी जान को क़रार नहीं है,
ताक़ते-बेदादे-इन्तज़ार नहीं है |

दिल ही तो है न संग-ओ-ख़िश्त दर्द से भर न आये क्यों,
रोएंगे हम हज़ार बार कोई हमें सताये क्यों |

कहते तो हो तुम सब कि बुत-ए-ग़ालिया-मू आए,
यक मरतबा घबरा के कहो कोई कि वो आ |

सादगी पर उस के मर जाने की  हसरत दिल में है,
बस नहीं चलता की फिर खंजर काफ-ऐ-क़ातिल में है |

क्या तंग हम सितमज़दगां का जहान है,
जिस में कि एक बैज़ा-ए-मोर आसमान है |

Mirza Ghalib Shayari Hindi in two Lines

सब कहाँ कुछ लाला-ओ-गुल में नुमायाँ हो गईं,
ख़ाक में क्या सूरतें होंगी कि पिन्हाँ हो गईं |

हज़ारों ख्वाहिशें ऐसी के हर ख्वाहिश पे दम निकले,
बहुत निकले मेरे अरमान लेकिन फिर भी कम निकले |

रोने से और् इश्क़ में बेबाक हो गए,
धोए गए हम ऐसे कि बस पाक हो गए |

ये न थी हमारी क़िस्मत के विसाले यार होता,
अगर और जीते रहते यही इन्तज़ार होता |

लो हम मरीज़-ए-इश्क़ के बीमार-दार हैं,
अच्छा अगर न हो तो मसीहा का क्या इलाज |

कोई , दिन , गैर  ज़िंदगानी और है,
अपने जी में  हमने ठानी और है |

शुमार-ए सुबह मरग़ूब-ए बुत-ए-मुश्किल पसंद आया,
तमाशा-ए बयक-कफ़ बुरदन-ए सद दिल पसंद आया |

तू तो वो जालिम है जो दिल में रह कर भी मेरा न बन सका, ग़ालिब,
और दिल वो काफिर, जो मुझ में रह कर भी तेरा हो गया |

दर्द हो दिल में तो दवा कीजे,
दिल ही जब दर्द हो तो क्या कीजे |

जब तक दहान-ए-ज़ख़्म न पैदा करे कोई,
मुश्किल कि तुझ से राह-ए-सुख़न वा करे कोई |

आज फिर इस दिल में बेक़रारी है,
सीना रोए ज़ख्म-ऐ-कारी है |

हुज़ूर-ए-शाह में अहल-ए सुख़न की आज़माइश है,
चमन में ख़ुश-नवायान-ए-चमन की आज़माइश है |

दिया है दिल अगर उस को, बशर है क्या कहिये,
हुआ रक़ीब तो हो, नामाबर है, क्या कहिये |

Mirza Ghalib Shayari

आह को चाहिए एक उम्र असर होने तक,
कौन जीता है तेरी ज़ुल्फ के सर होने तक |

रफ़्तार-ए-उम्र क़त-ए-रह-ए-इज़्तिराब है,
इस साल के हिसाब को बर्क़ आफ़्ताब है |

यूं हम जो हिज्र में दीवार-ओ-दर को देखते हैं,
कभी सबा को, कभी नामाबर को देखते हैं |

चश्म-ए-ख़ूबाँ ख़ामुशी में भी नवा-पर्दाज़ है,
सुर्मा तो कहवे कि दूद-ए-शोला-ए-आवाज़ है |

चाँदनी रातो कि खामोश सितारो के कसम,
दिल मै आब तेरे सिवा कोई भि आबाद नही |

मेरे जेब में जहां पर जरा सा छेद किया हुआ,
सिक्के से जादा मेरे रिस्ते गिर गए |

मै बहुत नादाँ था वफ़ा की तलाश करता रहा हरपल,
यह तक ना सोचा कि एक दिन अपनि सांस भि बेवफा हो जाएगी |

तेरा फिरने का इंतज़ार मे नींद न आई उम्र भर,
आने का अहद कर गैए आए जो रोज ख़्वाब मै |

Best Mirza Ghalib Shayari in Hindi 2 Lines

हुई जीवन काल कि ‘ग़ालिब’ मर गेया पर याद आता है,
वो हर एक बात पार कहना कि यूँ होता तो क्या होता |

तेरी दुआ में ताकत है तोह, मस्जिद को हिला के दिखा,
नहीं तो खुद दो घूँट पि और मस्जिद को हिलता देख |

उनको देखे से जो आ जाती है मुँह पर रौनक,
वो समझते हैं के बीमार का हाल अच्छा है |

म को मालूम है जन्नत की हक़ीक़त लेकिन,
दिल के ख़ुश रखने को ‘ग़ालिब’ ये ख़याल अच्छा है |

आया है मुझे बेकशी इश्क़ पे रोना ग़ालिब,
किस का घर जलाएगा सैलाब भला मेरे बाद |

हम न बदलेंगे वक़्त की रफ़्तार के साथ,
जब भी मिलेंगे अंदाज पुराना होगा |

मैं नादान था जो वफ़ा को तलाश करता रहा ग़ालिब,
यह न सोचा के एक दिन अपनी साँस भी बेवफा हो जाएगी |

इश्क़ ने ग़ालिब निकम्मा कर दिया,
वर्ना हम भी आदमी थे काम के |

न था कुछ तो ख़ुदा था कुछ न होता तो ख़ुदा होता,
डुबोया मुझ को होने ने न होता मैं तो क्या होता |

Conclusion

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