क्या आप रुला देने वाली शायरी (Rula Dene Wali Shayari) ढूंढ रहे है यदि हाँ तो आप सही वैबसाइट पर आए है | यहाँ पर मैंने एक से बढ़कर एक दर्द भरी रुला देने वाली शायरी लिखी है |
इस शायरियों में दर्द इतना भरा है कि इन्हें पढ़कर किसी को भी रोना आ जाता है | प्यार मे रुला देने वाली शायरी ढूँढने वालों के लिए भी यहाँ पर बैहतरीन रुलाने वाली शायरी लिखी गयी है | आप इन्हें कॉपी पेस्ट करके अपने व्हाट्सएप के स्टेटस पर भी लगा सकते है |

रुला देने वाली शायरी (Rula Dene Wali Shayari)
ना रहा करो उदास किसी बेवफा की याद में, वो खुश है अपनी दुनिया में तुम्हारी दुनिया उजाड़ कर |
अब यूं ना रुलाया कर ए मेरी जिंदगी, मुझे तो अब चुप कराने वाला भी कोई नहीं है |
बह जाती काश यादें भी आँसुओ के साथ, तो एक दिन हम भी रो लेते तसल्ली से बैठ कर |
तू कर दे मुकम्मल मेरी भी, एक आखरी ख्वाहिश ऐ खुदा, या तो दिल से जज़्बात मिला दे, या दिल को पत्थर बना दे |
कितना और दर्द देगा बस इतना बता दे, ऐसा कर मालिक अब मेरी हस्ती मिटा दे, यूँ घुट के जीना मौत से बदतर है, कभी ना खुले आँखे तू ऐसी नींद सुला दे |
यह जो तुम हर किसी आँखों में डूब जाते हो, सच बताओ और कितनो को चाहते हो, और बात इश्क़ में इबादत की करते हो तुम, खुद कितने बेईमान हो ये कैसे भूल जाते हो |
दिल से रोये मगर होठों से मुस्कुरा बैठे, यूँ ही हम किसीसे वफ़ा निभा बैठे, वो हमें एक लम्हा न दे पाए अपने प्यार का, और हम उनके लिए जिंदगी लुटा बैठे |
जब मिलो किसी से तो जरा दूर का रिश्ता रखना, बहुत तडपाते हैं अक्सर सीने से लगाने वाले लोग |
गए थे बड़े यकीन से की रोएंगे नही हम, जाने वाले काश तूने एक बार पलट कर देखा होता हमारी तरफ |
लिखने वाले ने किया खूब लिखा है, ज़िन्दगी जब मायूस होती है, तभी तो महसूस होती है |
इश्क़ बेजुबां है इस्सलिये शायरों की कलम बोलती है, ये इश्क़ का दर्द भी न जाने कितनो को शायर बना देती हे |
खुशियों की दामन में आंसू गिराकर तो देखिये, ये रिश्ता कितना सच्चा है आजमाकर तो देखिये, आपके रूठने से क्या होगी मेरे दिल की हालत, किसी आइने पर पत्थर गिराकर तो देखिये |
जख्म जब मेरे सीने के भर जाएंगे, आँसू भी मोती बनकर बिखर जायेंगे, ये मत पूछना किस किस ने धोखा दिया मुझे, वरना कुछ अपनों के ही चेहरे उत्तर जायेंगे |
किसी और से प्यार करना, जरूरत बन गई है उनकी, मेरे दिल को रुला देना ही, फितरत बन गई है उनकी |
बहुत दर्द है ऐ जान-ए-अदा तेरी मोहब्बत में, कैसे कह दूँ कि तुझे वफा निभानी नहीं आती |
आज कुछ कमी है तेरे बगैर, ना रंग है ना रोशनी है तेरे बगैर, वक्त अपनी रफ्तार से चल रहा है, बस धड़कन सी थमी है तेरे बगैर |
जो नजर से गुजर जाया करते हैं, वो सितारे अक्सर टूट जाया करते हैं, कुछ लोग दर्द को बयां नहीं होने देते, बस चुपचाप बिखर जाया करते हैं |
मुझको ऐसा दर्द मिला जिसकी दवा नहीं, फिर भी खुश हूँ मुझे उस से कोई गिला नहीं, और कितने आंसू बहाऊँ उस के लिए, जिसको खुदा ने मेरे नसीब में लिखा ही नहीं | और पढे
यह भी पढे- आप हमेशा खुश रहे शायरी
प्यार मे दर्द भरी रुला देने वाली शायरी
मैं दीवाना हूँ तेरा मुझे इंकार नहीं, कैसे कह दू की मुझे तुमसे प्यार नहीं, कुछ शरारत तो तेरी नजरों में भी थी, वरना मैं अकेला ही इसका गुनेगार नहीं |
मेरे अधूरे किस्से का मुझे हिसाब चाहिए, मैं सही था या गलत मुझे जवाब चाहिए ।
आया नहीं था कभी मेरी आँख से एक अश्क भी, मोहब्बत क्या हुई अब तो अश्कों का सैलाब आ गया |
मैंने करवट बदलकर भी देखा है, याद तुम उस तरफ भी आते हो |
वो अनजान चला है जन्नत को पाने की खातिर, खबर को इत्तेला कर दो की माँ बाप घर पर है |
ऐसा नहीं कि आप याद आते नहीं, खता सिर्फ इतनी है कि हम बताते नहीं, रिश्ता आपका अनमोल है हमारे लिये, समझते हो आप इसलिये हम जताते नहीं |
कुछ इस अदा से तोड़े है ताल्लुक उस शख्स ने, कि इक मुदत से ढूंढ रहा हूँ कसूर अपना |
शायरी में कहाँ सिमटता है, दर्द-ए-दिल दोस्तो, बहला रहे है खुद को, जरा कागजों के साथ।
खुद ही रोए और खुद ही चुप हो गए, ये सोचकर की कोई अपना होता तो रोने ना देता |
किसी को न पाने से जिंदगी खत्म नहीं हो जाती, पर किसी को पाकर खो देने के बाद, कुछ बाकी भी नहीं बचता |
बेबाक सी थी मैं तुमसे रूबरू होने से पहले, दो पल की मोहब्बत से वाक़िफ़ क्या हुई मानो तबाह हो गई |
बेताब से रहते हैं उसकी याद में अक्सर, रात भर नहीं सोते हैं उसकी याद में अक्सर, जिस्म में दर्द का बहाना सा बना कर, हम टूट कर रोते हैं उसकी याद में अक्सर |
तेरी हर तमन्ना पूरी हो, जब में टूटू तू भी अधूरी हो, न देख पाव छुड़े जोड़े है तुझको, रहु में अधूरा तो तेरी हर, ख्वाहिश अधूरी हो |
मैं तो तेरे दिल की महफ़िल सजाने आया था, तेरी कसम तुजे अपना बनाने आया था, किस बात की सजा दी तूने मुझे, मैं तो तेरे दर्द को अपना बनाने आया था |
चाहे कितना भी खुश रहने की कोशिश कर लो, जब कोई बेहद याद आता है तो सच में बहुत रुला देता है |
जिन्दगी कुछ ऐसी मोड़ पे आकर रुक सी चुकी है, की मजबूरी जीने की हो गई है और चाहत मारने की |
हाथों की लकीरें पढ़ के रो देता है मेरा दिल, सब कुछ तो है मगर एक तेरा नाम क्यूँ नहीं है |
यह मौसम भी कितना अजीब है, तेरी याद दिला ही जाता हैं, कितना भी रोक लो इन आंसुओ को, इन आँखों से आँसू निकल ही जाते हे |
मुझे ज़िन्दगी की दुआ देने वाले, हंसी आ रही है तेरी सादगी पर |
दिल से रोये मगर होठों से मुस्कुरा बैठे, यूँ ही हम किसी से वफ़ा निभा बैठे, वो हमें एक लम्हा न दे पाए अपने प्यार का, और हम उनके लिए जिंदगी लुटा बैठे |
यह भी पढे- जिंदगी की सच्ची बातें
अंतिम दो शब्द
मेरा मन भी कई बात रोने को करता है | जब भी मेरे साथ ऐसा होता है तो में इन दर्द भरी रुला देने वाली शायरी (Rula Dene Wali Shayari) को पढ़ लेता हूँ | इन्हें पढ़ने के बाद दिल को सुकुल मिलता है |