क्या आपका खास दोस्त आपसे नाराज है ? क्या जिगरी दोस्त आपसे रूठे गया है ?
यदि हाँ तो आप अपने रूठे दोस्त को स्पेशल शायरी भेजकर मना सकते है | मैंने इस पोस्ट में दोस्त को मनाने की शायरी (Dost ko Manane ki Shayari) लिखी है |
इस लिस्ट मे ऐसी-ऐसी शायरी लिखी गयी है जिसकी मदद से रूठे दोस्त को मनाया जा सकता है |
रूठे दोस्त को मनाने की शायरी भेजकर आप अपने नाराज दोस्त को मना सकते है और नाराज दोस्त मान भी जायेगा |
यहाँ नाराज दोस्त को मनाने तथा रूठे दोस्त को मनाने की ढेर सारी शायरी लिखी गयी है |

दोस्त को मनाने की शायरी (Dost ko manane ki Shayari)
तुम्हे वक़्त शायद मिले न मिले,
आज खुद को मनाने को जी कर रहा है |
मेरी ज़िन्दगी में खुशियाँ तेरे बहाने से हैं,
आधी तुझे सताने से हैं आधी तुझे मनाने से हैं |
मोहब्बत आजमानी हो तो बस इतना ही काफी है,
जरा सा रूठ कर देखो मनाने कौन आता है |
गुस्से में हमने कुछ कह दिया तो माफ कर दीजिए,
लेकिन इस कदर अपने दोस्त से रूठ के मत जाइये,
चलो जो दोगे आप सजा हमे मंजूर है,
बस सिर्फ एक बार हमें देखकर मुस्कुरा जाइये।
वो रूठे तो सही हम मनाने का वादा करते है,
दिल तोडना है मेरा तो बेशक तोड़ दे,
वो इस दिल के बिना भी हम उनको चाहने का वादा करते है |
तुम जितना भी हमसे रूठोगे,
हम और पास चले आएंगे,
दोस्ती का वादा किया था हमने,
मरते दम तक साथ निभाएंगे।
हो सकता है तरस आ भी जाये आपको,
पर दिल कहाँ से लायें आपसे रूठ जाने के लिये।
ये दिल दोस्तो के लिए दीवाना है,
आज फिरसे दोस्तो को मनाना है,
अपने दिल की बात दोस्तो को बताना है,
लेकिन उनके होठो पे वक़्त न होने का बहाना है।
नया नया शौक उन्हें रूठने का लगता है,
खुद ही भूल जाते हैं रूठे थे किस बात पर |

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नाराज दोस्त को मनाने की शायरी (Naraz dost ko manane ki Shayari)
आज खुद को भुलाने को जी कर रहा है,
बेवजह रूठ जाने को जी कर रहा है |
ये रुठने मनाने के सिलसिले बड़े ही प्यारे होते है,
तुमसे मिलने पर ही ये बात जानी हमने |
उससे, खफ़ा होकर भी देखेंगे एक दिन
कि उसके मनाने का अंदाज़ कैसा है |
याद नही करोगे तो हम याद कराएंगे,
रूठ गए अगर तो हम तुम्हे मनाएंगे,
ये दोस्ती का दामन छोड़ के कहा तक जाओगे,
जहा भी जाओगे हम तेरे साथ चले आएंगे।
उफ़ उसके रूठने की अदाए भी गजब की थी
बात बात पे कहना की ” सोच लो फिर बात नहीं करुँगी ” |
हल्की सी चोट से शीशे नही टूटते,
छोटी-छोटी बातो से दोस्त नही रूठते,
दोस्तो की गलतियो को माफ कर दिया करो,
छोटी सी गलती से सच्चे दोस्त नही बिछड़ते।
शहर में वो मजा नही है
क्योकि तेरी रुठने मनाने की सज़ा नही है |
हमारे यार को रूठने की आदत है,
हमे उसके साथ रहने की चाहत है,
पता नही उसकी नाराजगी कब तक है,
लेकिन हम तो उन्हें मनाने की आदत है।
रूठने की उसकी अदा भी अजब है,
बिन कहे करता है शिकायतें गजब है |

रूठे दोस्त को मनाने की शायरी (Ruthe dost ko manane ki Shayari)
खत्म कर दिया किस्सा, अब रुठने मनाने का..
सुना है वो शख्स हैरान है, मेरे इस रवैये से..
अगर कटती हें उम्र तुम्हे मनाने मे, तो कट जाने दो,
वैसे भी बिन तुम्हारे जिंन्दगी भी कंहा जिंदगी हें।
नाकाम थीं मेरी सब कोशिशें उस को मनाने की,
पता नहीं कहां से सीखी जालिम ने अदाएं रूठ जाने की |
हमसे गलती हो गई हो तो हमें सजा दो,
दिल में इतनी नाराजगी क्यों है बता दो,
मानते है देर हो गई तुम्हे याद करने में,
लेकिन हम तुम्हे भूला देंगे ये ख्याल दिल से मिटा दो।
बहुत उदास है कोई शख्स तेरे जाने से,
हो सके तो लौट के आजा किसी बहाने से |
थक गए हम अपने दोस्त को समझाने में,
नाकाम हो गई सारी कोशिशे उन्हे मनाने की,
अब दोस्त हमारे बहुत नाजूक हो गए है,
पता नही कहा से सीखी ये अदा रूठ जाने की।
यूँ तो प्यार की हर अदा निराली हैं,
पर रुठने मनाने की अदा सबसे भारी हैं |
बहाने बनाना कोई मेरे यार से सीखे,
दूरिया बनाना कोई मेरे यार से सीखे,
रूठने की कोई वजह भी होती है,
यू ही रूठ जाना कोई मेरे यार से सीखे।
मनाने रुठने के खेल में,
हम बिछड़ जाएंगे … सोचा नहीं था |

रूठे हुए दोस्त को मनाने की शायरी
जब भी उसे दिल का हाल बताना चाहा
उसके होठों से वक़्त न होने के बहाने निकले |
तुम हंसती हो मुझे हसाने के लिए,
तुम रोती हो मुझे रुलाने के लिए,
एक बार तो रुठ के देखो,
मर जाएंगे तुम्हे मनाने के लिए ।
आप खुश रहें, मेरा क्या है,
में तो आईना हूँ मुझे टूटने की आदत है।
सोच रखी है बहुत सी बातें तुम्हे सुनाने के लिए,
लेकिन तुम हो के आते ही नही हमे मनाने के लिए |
मेरे मेहबूब प्यार कर लिया हमने आपसे
बस थोड़ा साथ देना इसको निभाने के लिए |
दिल से दोस्तो की याद को जुदा नही किया,
हर पल उन्हें याद करके हमने बुरा नही किया,
आज हमसे हमारे दोस्त नाराज हो गए है,
हमने तो कभी दोस्तो से खफा नही किया।
तू लाख खफा हो पर एक बार तो देख ले,
कोई बिखर गया है तेरे रूठ जाने से।
आज बहुत मायूस हो गया है मेरा दिल,
तेरे यू अचानक रूठ के चले जाने से,
हो सके तो लौट के आजा मेरे दोस्त,
टूटकर बिखर गया मेरा दिल तेरे रूठ जाने से।
तुम तरकीब निकालते हो दिल जलाने की,
हम तरकीब निकालते है तुम्हे मनाने की |

दोस्त को मनाने वाली शायरी
इस कदर हम यार को मनाने निकले
उसकी चाहत के हम दिवाने निकले |
रूठने का हक़ है तुझे, वजह बताया कर,
ख़फ़ा होना गलत नही, तू खता बताया कर।
बिन बात के ही रूठने की आदत है,
किसी अपने की चाहत पाने की चाहत है |
तरीके तो कई है, तुम्हे अपने पास रखने के,
पर मजा तो तब है जब तुम हमें मनाने का हुनर जानो |
वक्त कम है साथ बिताने के लिए
इसको ना गंवाना रूठने मनाने के लिए |
दोस्ती में कभी तेरा मेरा नहीं होता
दोस्ती में कभी कोई एक दूसरे से दूर नहीं होता
दोस्ती तो होती है दो दिलों की जान
दोस्ती में कोई एक दोस्त कभी नाराज नहीं होता
हम रूठे भी तो किसके भरोसे रूठें,
कौन है जो आयेगा हमें मनाने के लिए |
दोस्त के बिना तो मेरा कोई वजूद ही नहीं है,
दोस्ती है मेरा अपना उसके बिना तो मेरा कुछ भी नहीं है,
मैं सिर्फ उसे ही अपना मानता हूं अपना,
उसके बिना मेरा इस दुनिया में कोई नहीं है |
रुठने मनाने के फलसफे से तंग आ गया हूँ,
ऐसा कर ए मोहब्बत, अब तू मेरा हिसाब कर दे..!!
दोस्तों से कभी नाराज नहीं हुआ करता,
दोस्त से मैं दूर हुआ नहीं करता,
दोस्ती तो दो दिलों को मिलाने का एक मात्र जरिया होता है,
दोस्त कभी एक दूसरे दोस्त से नाराज नहीं होता |
मुद्दतों बाद आज फिर परेशानहुआ है दिल,
जाने किस हाल में होगा मुझसेरूठने वाला |
मैरे द्वारा आज दोस्त को मनाने की शायरी (dost ko manane ki shayari) लिखी है जो आपको जरूर पसंद आई होगी | आप इसे रूठे दोस्त को मनाने की शायरी (Ruthe dost ko manane ki Shayari) के रूप में प्रयोग कर सकते है | नाराज दोस्त को मनाने की शायरी (Naraz dost ko manane ki Shayari) में कोई और जोड़ना है तो आप कमेंट सेक्शन में कमेंट कर सकते है |