हैलो दोस्तों क्या आपका दोस्त बहुत ज्यादा गुस्सा करता है और आपने झगड़ता है तो आप अपने दोस्त को गुस्सा शायरी (itna Gussa Shayari) भेज सकते है | मैं यहाँ आप सभी के लिए गुस्सा शायरी हिन्दी में (Gussa Shayari in Hindi) इतना गुस्सा शायरी लेकर आया हूँ | गुस्से पर शायरी (Gussa Wali Shayari) एवं इतना गुस्सा मत करो शायरी की इस लिस्ट मे से आप अपनी पसंदीदा गुस्सा शायरी चुन कर अपने इतना ज्यादा गुस्सा आने वाले दोस्त को भेज सकते है | तथा ज़िंदगी में गुस्से के दुषपरिणामों के बारे में समझा सकते है |
हम सभी को पहले से ही पता है की गुस्सा बहुत ही हानिकारक चीज है क्योंकि व्यक्ति गुस्से में या तो अपने सीक्रेट बता देता है या कोई ऐसी बात कह देता है तो उसके रिश्ते खराब कर देती है | इसलिए आप भी अपने परिवार के उस सदस्य जिसको इतना गुस्सा आता है, को नीचे दी गयी गुस्से पर शायरी में से कोई एक अथवा अधिक शायरी भेज सकते हो | यदि इस गुस्से वाली शायरी को वह ध्यान से पढ़ता है तो हो सकता है कि उसके दिमाग में इतना गुस्सा करने की हानि समझ आ जाये |
Itna Gussa Shayari (गुस्सा वाली शायरी)
हंसी के पीछे का दर्द और गुस्से के पीछे का प्यार
हर किसी को नजर नही आता है ।
जिन्हें गुस्सा आता हैं वो लोग सच्चे होते है,
मैंने झूठो को अक्सर मुस्कराते हुए देखा है।
मुझे तुम इस कदर भा चुके हो,
की मेरे दिल के बहुत करीब आ चुके हो,
तुमने मुझे नही छोड़ा,
बल्कि, मेरी रूह से दूर जा चुके हो…

जिन्हें गुस्सा आता हैं वो लोग सच्चे होते है,मैंने झूठो को अक्सर मुस्कराते हुए देखा है।
साथ छोड़ना बहुत मुश्किल है,
तेरे से नाता तोड़ना बहुत मुश्किल है…
तू जान इस दिल की,
तुझसे रूठ जाना बहुत मुश्किल है…
गुस्से में जो छोड़ जाये वो
वापस आ सकता है ,
मुस्कुराकर छोड़कर जाने
वाला कभी वापस नही आता ।
रूबरू था कोई शख्स आइने में मुझसे,
गुस्से में मुझे देखकर वो रोने लग गया।
तेरा रूठ जाना क्या…
उस चाँद का शर्मना क्या,
बदल दूँ या बदल जाऊं,
फिर मैं क्या…
जमाना क्या
देखों इस अजीब तरह से
भी इश्क़ हमसें निभाती है वो,
हमी पे गुस्सा कर फ़िर कंधे
पर सर रख सो जाती है वो।
गुस्सा भी समय-समय पर
करना ठीक होता है ,
पर कहां और कब करना है
ये समझना मुश्किल होता है ।
मै मुस्कुरा कर अपनी किस्मत
पर सारा गुस्सा उतार देता हूँ ।
गुस्से में भी उसका प्यार दिखता है,
तकलीफ़ भले मुझको दे, दर्द उसको होता है।
Itna Gussa Shayari | यहाँ पूरी लिस्ट पढे |
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Itna Gussa Shayari Hindi (इतना गुस्सा शायरी)
रिश्तों में मिठास लाने के लिएकई ज़हर पिये है मैंने भी,इसलिए लोग पूछते हैअब गुस्सा क्यों नही आता मुझे।
हमारा रूठना-मनाना तो लगा रहता है ,
हमारी आंखों में प्यार,
उनके चेहरे पर गुस्सा तो सदा रहता है।
इतनी सारी शिकायतें थी उनके आने से पहले,
उन्होंने आकर हाल क्या पूछा,
अपनी शिकायतों पे गुस्सा आ गया।
मेरा गुस्सा वही पर खत्म हो जाता है जहाँ ,
प्यार से वो पगली बोलती है “ Sorry बाबा Sorry ”.
तेरा ये रूठ जाना क्यों..
फिर मुझे तडपना क्यों..
तुम तो चले गए थे
मुझे छोड़कर
फिर तुम्हारा लौट आना क्यों.
गुस्से में अक्सर लोग
कड़वा सच बोल ही देते है ।
मुझे तुम्हारा किस्सा पसंद है,
इस किससे में मेरा हिस्सा पसंद है,
ये जो तुम चेहरा लाल कर देखती हो मुझे,
खुदा कसम ! मुझे ये तुम्हारा गुस्सा पसंद है।
कैसे कह दें कि उनके कुछ नहीं लगते हम,
उनके गुस्से पर आज भी हमारा ही हक है।
इतनी सारी शिकायतें थी उनके आने से पहले,
उन्होंने आकर हाल क्या पूछा,
अपनी शिकायतों पे गुस्सा आ गया।
तुम्हारा गुस्सा भी इतना प्यारा है कि
दिल करता है तुम्हे दिन भर तंग करते रहे ।
Itna Gussa Shayari in Hindi (इतना गुस्सा शायरी इन हिन्दी)
गुस्से का कोई इलाज नहीं,चाहे दोस्ती हो या हो प्यारसब उजाड़ ही देती है।
क्यो गुस्से में समझ लेती हूं ,
मै तुझे इतना गलत पर तू है नही इतना भी बुरा
सुनकर तेरी आवाज बदल जाता है
मेरा गुस्सा भी प्यार में ।
गुस्सा तो बहुत है
मुझे यूँ छोड़ के जाने का,
उम्मीद भी उतनी है
फ़िर से लौट कर आने की।
आज दिल कर रहा था बच्चों की तरह रूठ जाऊ,पर फिर सोचा क्या फायदा मनाएगा कौन |
गुस्सा क्यों करते हो बात-बात पर तुम,
शक ज्यादा करते हो या प्यार ?
मोहब्बत में गुस्सा वही करता है ,
जिसमें मोहब्बत कूट-कूट के भरी होती है ।
तुम जब गुस्सा हो जाते हो
तो ऐसा लगता है मनाते
मनाते जिन्दगी गुजारा हूं ।
ऐसा नही की मुझे गुस्सा नही आता ,
बल्कि उस गुस्से से भी कही ज्यादा ,
प्यार करते है तुमसे ।
हमारा रूठना-मनाना तो लगा रहता है ,
हमारी आंखों में प्यार,
उनके चेहरे पर गुस्सा तो सदा रहता है।
उसका गुस्सा और मेरा प्यार एक जैसा है,
क्योंकि ना तो उसका गुस्सा कम होता हैं,
और ना ही मेरा प्यार।
कभी कभी इंसान गुस्से में ही सही,
कुछ कुछ सच बयान कर ही देता हैं,
वो सच जो वो खुद से भी छिपाता फिरता है |
मासूम-सी आँखों में मासूम-सा
अब कुछ न रहा,
रहने को गुस्सा और दर्द तो रहा,
बस भरोसा ही न रहा।
Itna Gussa mat kro Shayari (इतना गुस्सा मत करो शायरी)
बेवजह किसी पर गुस्सा ना करना ऐ दोस्त, सुना है अक्सर रिश्ते बिखर जाया करते हैं।
ऊपर से गुस्सा दिल से प्यार करते हो,
नज़रें चुराते हो दिल बेक़रार करते हो,
लाख़ छुपाओ दुनिया से मुझे ख़बर है,
तुम मुझे ख़ुद से भी ज्यादा प्यार करते हो…
न तेरी शान कम होती न रूतबा ही घटा होता ,
जो गुस्से में कहा तुमने वही हंस के कहा होता ।
मुझसे लड़ो झगड़ो चाहे जितना भीलेकिन रिश्ता तोड़ मत देनामुझ पर गुस्सा करो चाहे कितना भीलेकिन हमें छोड़ मत देना |
उनका गुस्सा और मेरा प्यार एक जैसा है ,
क्यूंकि ना ही उनका गुस्सा कम होता है ,
ना ही मेरा प्यार ।
देखों इस अजीब तरह से भी इश्क़ हमसें निभाती है वो,
हमी पे गुस्सा कर फ़िर कंधे पर सर रख सो जाती है वो।
हम खुल के जिंदगी जिया करो…
हसी के घूंट पिया करो,
दिल रोने सा लगता है,
तुम यूँ ग़ुस्सा न किया करो
गुस्से का कोई इलाज नहीं,
चाहे दोस्ती हो या हो प्यार
सब उजाड़ ही देती है।
हम जानते है मायने रिश्तों के,
इसलिए गुस्सा हम नही हो पाते,
समझ सकते है हम उनकी तकलीफ को,
हमे जो अपना हक्क समजते है।
ये जो मेरे गुस्से को भी मुस्कुराहट में बदल देते हो,
बस यही वजह कि तुम दिल को इतना भाते हो।
Gussa Wali Shayari (इतना गुस्सा वाली शायरी)
उसका गुस्सा और मेरा प्यार एक जैसा है,क्योंकि ना तो उसका गुस्सा कम होता हैं,और ना ही मेरा प्यार।
गुस्से में भी उसका प्यार दिखता है,
तकलीफ़ भले मुझको दे, दर्द उसको होता है।
मुझे तेरे गुस्से से डर नहीं लगतातेरा गुस्सा में झेल लेती हूँहाँ, दिल तो दुखता है तेरे गुस्से सेलेकिन तुझे खोने के डर से चुप रहती हू |
नाराजगी उतनी ही जाहिर करो
जितना कसूर है मेरा,
ज्यादा प्यार और गुस्से से रिश्ते
टुटते है।
लड़ते बहुत है,
गुस्सा भी बहुत है,
मगर गुस्सा बाहर से है,
मोहब्बत अंदर से है।
क्यों अब मेरी जिंदगी का हर
सपना सच्चा नहीं लगता,
रूठ जाती है सांसें मेरी..
यूँ तुम्हारा नाराज होना
हमें अच्छा नहीं लगता
बेवजह किसी पर गुस्सा ना करना ऐ दोस्त,
सुना है अक्सर रिश्ते बिखर जाया करते हैं।
थोड़े गुस्से वाले थोड़े नादान हो
तुम मगर जैसे भी हो मेरी जान हो तुम ।
मोहब्बत में शक और गुस्सा वो ही करता है ,
जो कभी भी तुम्हे खोना नही चाहता ।
थोड़े गुस्से वाली थोड़ी नादान हो तुम ,
पर जैसी भी हो मेरी जान हो तुम ।
Gussa shayari in Hindi (गुस्सा शायरी इन हिन्दी)
हमारा रूठना-मनाना तो लगा रहता है ,हमारी आंखों में प्यार,उनके चेहरे पर गुस्सा तो सदा रहता है।
आपके प्यार की कद्र कोई पराया भी करेगा ,
लेकिन आपके गुस्से की कद्र केवल अपने ही करेंगे ।
बात बात पर तू नाराज़ हो जाता हैऔर फिर कहता है कि मुझे बहुत चाहता हैगस्सा तो मुझे भी तुम पर बहुत आता हैपर तेरा चेहरा देखते ही चला जाता है |
दो पल के गुस्से से प्यार भरा रिश्ता बिखर जाता है ,
होश जब आता है तो वक्त निकल जाता है ।
इतना गुस्सा करोगे जो
हमसे तो और दिल में बस जाऊंगा ,
तुम्हारा ही हूँ मै जब चाहोगे तुम्हारे पास आ जाऊंगा ।
किस बात पर गुस्सा है,
ये पूछने वाला हो तो,
मुस्कान क़भी नहीं जाती।
तेरे गुस्से पर मुझे आज
बहुत प्यार आया,
कोई तो है जिसने मुझें
इतने हक़ से धमकाया।
गुस्सा उन बादलों की तरह है,
जो बरसने से पहले बहुत गर्मी करते है,
और आंसू उस बारिश की तरह है,
जो बरसने के बाद बहुत ठंडक देते है।
रिश्तों में मिठास लाने के लिए
कई ज़हर पिये है मैंने भी,
इसलिए लोग पूछते है
अब गुस्सा क्यों नही आता मुझे।
नफ़रत भी नहीं है,
गुस्सा भी नहीं हूं,
पर तेरी ज़िन्दगी का अब
हिस्सा भी नहीं हूं।
आज मैं यहाँ पर गुस्सा शायरी (itna gussa Shayari) तथा गुस्सा शायरी हिन्दी में (Gussa Shayari in Hindi) पर कई शायरी लिखी है | इस लिस्ट में से कोई एक न एक गुस्सा शायरी तो आपको जरूर पसंद आयी होगी | Dopbnk